Hindenburg रिपोर्ट आने के बाद से गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अडानी के लिए हर तरफ से बुरी खबरें सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयर धाराशाई हो गए है। वहीं, दूसरी तरफ अडानी दुनिया के टॉप- 10 अमीरों की सूची से भी बाहर हो गए हैं। अडानी 11वें पायदान पर चले गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, गौतम अडानी की कुल संपत्ति कम होकर महज 84.4 अरब डॉलर रह गई है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें पायदान पर पहुंच गए हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 82.2 अरब डॉलर है।
अडानी साल 2022 में सबसे ज्यादा दौलत कमाने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। साल के शुरू होते ही अडानी के लिए बुरी खबरें सामने आई हैं। जनवरी के महीने में अडानी का नाम सबसे ज्यादा संपत्ति गवांने के मामले में टॉप पर आ गया है। सिर्फ एक महीने अडानी ने 36.1 अरब डॉलर की रकम गवां दी है।
अडानी की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अडानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अडानी ग्रुप के शेयर बाजार में लिस्टेड सातों कंपनियों के शेयरों में जो भारी गिरावट आई है, उसकी वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों के कुल मार्केट कैप में महज तीन दिनों में ही 5.5 लाख करोड़ रुपये घट गया है। Adani Total Gas और Adani Green Energy के शेयरों में बीते चार दिनों से सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही शेयर बाजार में लिस्टेड अडानी कंपनियों Adani Ports से लेकर Adani Wilmar तक के शेयर बुरी तरह टूटे हैं। गिरावट का दौर अभी भी जारी है।
अमेरिका की फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूज हैं। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई। शेयर बाजार में भूचाल आ गया।