पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक रहेगा। ब्रह्म पुराण के मुताबिक मनुष्य को पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए और उनका तर्पण करना चाहिए
अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
बज्र गुरू सेवा कमेटी टाशी छोएलिंग बौद्ध मठ के सचिव छोज्ञाल ज्ञाछो ने बताया कि बज्र गुरू मंत्र का अखंड जाप समस्त प्राणी मात्र के कल्याणार्थ बौद्ध समागम पूजनीय परंपरा गुरू नवम छोगोन रिंपोछे तेनजिन छोएकी ज्ञाछो के मार्गदर्शन एवं स्थानीय ईष्ट देवता श्री पाथोरो डोम्बर जी की उपस्थिति में होना निश्चित हुआ है।