नरोत्तम के पिछले विधानसभा चुनाव के हार के अलग कारण हैं। कभी लिखेंगे। मगर दतिया में विकास की इबारत ए बी सी डी से उन्होंने ही शुरू की। नहीं तो जब हम दतिया में होते थे और कोई रिश्तेदार कई सालों बाद आता था तो कहता था अभी भी वैसा ही है!
भारत का शहरी गैस नेटवर्क वर्ष 2014 में 55 भौगोलिक क्षेत्रों से बढ़कर वर्ष 2025 में 307 हो गया है, जिसमें पीएनजी कनेक्शन 25 लाख से बढ़कर 1.5 करोड़ हो गए हैं और 7,500 से अधिक सीएनजी स्टेशन चालू हैं। एकीकृत पाइपलाइन शुल्क और शहरी गैस विस्तार ने दूरदराज के राज्यों में भी सस्ती पहुंच सुनिश्चित की है।
वर्तमान सरकार ने अपने अढाई वर्ष के कार्यकाल में ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में मजबूत आधार तैयार किया है। पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर हिमाचल प्रदेश ने दिखा दिया है कि पर्यटन और प्रकृति साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं। यह ईको-टूरिज्म परियोजना राज्य के लिए एक हरित, स्वच्छ और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मत साफ़ है: इन नशीले उत्पादनों जिनमें तंबाकू और निकोटीन, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड (अति-प्रसंस्कृत) खाद्य उत्पाद, अत्यधिक मीठे पेय पदार्थ आदि शामिल हैं, इनके हर प्रकार के प्रचार पर रोक लगे और यह बच्चों की पहुँच से बाहर रखे जाएँ।
पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐसा मंच हैं, जहां से सरकार बनने की राह दिखती है। इस चुनाव का परिणाम 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सियासी मिजाज का आईना होगा। जो पार्टी पंचायत चुनाव में सफल होगी, उसकी सियासी पकड़ मजबूत होगी और वह विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।
प्रदेश सरकार को प्राकृतिक खेती उत्पाद पर समर्थन मूल्य प्रदान करने से कृषि समुदाय की जो सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है उससे प्रेरित होकर सरकार ने चरणबद्ध तरीके से प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई कच्ची हल्दी पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने का निर्णय लिया है।
थाईलैंड के बाद 2018-2019 में मलेशिया और श्री लंका ने भी यह लक्ष्य हासिल कर लिया कि हर बच्चा एचआईवी और सिफ़िलिस मुक्त जन्मे। एशिया पसिफ़िक क्षेत्र में कुछ अन्य देश (जैसे कि भूटान, कंबोडिया, चाइना और मंगोलिया) भी लक्ष्य हासिल करने वाले हैं या उसके क़रीब हैं।
अब स्टार लिंक आ गया है तो वोडाफोन इंडिया का क्या होगा ? एयरटेल और जीओ के साथ स्टारलिंक के करार की बात सामने आई है। अगर सरकार के तरफ से परमिशन मिल जाती है तो वोडाफोन आइडिया का क्या होगा? ऐसे भी वोडाफोन आइडिया के सब्सक्राइबर कम होते जा रहे हैं
पितृसत्ता के खिलाफ विद्रोह करना एक बेहद कठिन कार्य है। लेकिन नारीवादी लोगों ने ऐतिहासिक रूप से जेंडर न्याय को आगे बढ़ाने के लिए एक परिवर्तनकारी आंदोलन बनाने और उसे मजबूत करने का साहस दिखाया है। यही कारण है कि 1945 में वैश्विक शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन के कुछ ही महीनों के भीतर लैंगिक समानता और मानवाधिकारों के लिए आंदोलन शुरू हो गए थे।
यदि हम देश के आजादी के बाद से चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो हमें दिखाई देगा कि प्रारंभ के दो दशकों तक देश की लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही हुए हैं। यहां तक कि स्थानीय निकायों के चुनाव भी लोकसभा व विधानसभाओं के साथ होते आये हैं।