अब वोडाफोन आइडिया का क्या होगा ?
देश में मूल रूप से तीन टेलीकॉम कंपनी है और तीनों में एक का हालत खराब है। वोडाफोन आइडिया।सरकार का कहना है कि देश में चार टेलीकॉम कंपनी रहना बहुत जरूरी है।
Duopoly नहीं होगा। वोडाफोन आइडिया को बचाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।अब वोडाफोन आइडिया का सबसे ज्यादा इक्विटी शेयर भारत सरकार के पास है। यानी आप कह सकते हैं कि इसका असली मालिक भारत सरकार है। भारत सरकार के पास वोडाफोन आइडिया के 33 प्रतिशत शेयर है
अब स्टार लिंक आ गया है तो वोडाफोन इंडिया का क्या होगा ? एयरटेल और जीओ के साथ स्टारलिंक के करार की बात सामने आई है। अगर सरकार के तरफ से परमिशन मिल जाती है तो वोडाफोन आइडिया का क्या होगा? ऐसे भी वोडाफोन आइडिया के सब्सक्राइबर कम होते जा रहे हैं .2018 में जब वोडाफोन और आइडिया मर्ज हुए थे इनके पास कुलमिलाकर 40 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर थे अब ये कम होकर 21करोड़ के करीब पहुंच गया हैm।
इस के पीछे वजह था जिओ का एंट्री और VI का खराब नेटवर्क। पिछले कई सालों से वोडाफोन आइडिया नुकसान में चल रही है। हर क्वार्टर में लगभग 5000 से 7000 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में वोडाफोन आइडिया के पास फंड की कमी है ।VI नेटवर्क के लिए पैसा नहीं खर्च कर पा रही है। 5G मामले में भी वोडाफोन आइडिया जिओ और एयरटेल से काफी पीछे हैं।
अगस्त 2021 में ये खबर आई थी कि कुमार मंगलम बिरला सरकार को चिट्ठी लिखकर बता दिया है कि अब VI को चलाने असमर्थ है और सरकार को हैंडओवर के लिए तैयार है। सरकार खुद VI को चलाए कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है। फिर सरकार ने कहा था कि देश में कम से कम चार टेलीकॉम कंपनी होना चाहिए। VI को बंद होने नहीं देंगे।
मदद करेंगे सरकार कई बार अपने तरफ से मदद भी की हैं लेकिन फिर भी VI का हालत पूरी तरह सुधार नहीं। अभी भी हर महीने सब्सक्राइबर घट रहे हैं। VI को कोई फंडिंग भी नहीं मिल रही है। एक बार बिरला ने कह दिए थे अच्छे कंपनी का पैसा खराब कंपनी में नहीं लगाएंगे। जब मालिक खुद पैसा नहीं लगाना चाहता है तो बाकी और कोई क्यों लगाएगा। इस तरह कोई फंड नहीं आया लेकिन कुछ महीने पहले प्रमोटर्स के तरफ से करीब 2000 करोड़ infuse किया गया।। VI 18000 करोड़ का FPO लेकर आया था। ओवर सब्सक्राइब हुआ। प्रमोटर्स भी बार बार कह रहे हैं बहुत जल्दी बैंक से फंडिंग मिलेगा। VI कुछ बड़े शहरों में 5G सर्विस शुरू भी की है। अब VI का क्या होगा। जब स्टारलिंक जिओ और एयरटेल के साथ काम करेगा। क्या VI स्टारलिंक के स्पीड के सामने टिक पाएगा।
ऐसे भी VI नेटवर्क बहुत खराब है। क्या VI धीरे धीरे आगे जाकर बंद हो जाएगा ? अगर VI बंद हो जाता है तो सबसे बड़ा नुकसान भारत सरकार को होगा। VI बैंकों को करीब 25 हजार करोड़ देना है। VI के ऊपर करीब डेढ़ लाख करोड़ का स्पेक्ट्रम ड्यूज बकाया है। सरकार को देना है। VI बंद होने के मतलब सरकार को नुकसान। अब सबसे बड़ा सवाल है कि VI सरवाइव कर पाएगी या नहीं? या कल खबर आएगी कि VI भी स्टारलिंक के साथ करार कर दिया है?