भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का अपना महत्व है। पंचांग के अनुसार ही हम अपने धार्मिक क्रियाकलाप करते हैं। शुभ अशुभ का ज्ञान हमें प्राप्त होता है। आइये जानते हैं, आज के पंचांग के अनुसार कब है शुभ मुहूर्त और कब तक है राहुकाल और क्या है ग्रह चाल।
हिन्दू पंचांग के अनुसार आज गुरुवार है। शक संवत 1946 , विक्रमी संवत 2082, वैशाख, कृष्ण, एकादशी, विक्रम संवत 2082। सौर वैशाख मास प्रविष्टे 12, शव्वान 25, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 24 अप्रैल सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल अपराह्न 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। एकादशी तिथि अपराह्न 02 बजकर 33 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ।
शतभिषा नक्षत्र पूर्वाह्न 10 बजकर 49 मिनट तक उपरांत पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का आरंभ। ब्रह्म योग अपराह्न 03 बजकर 56 मिनट तक उपरांत ऐन्द्र योग का आरंभ। बालव करण अपराह्न 02 बजकर 33 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चन्द्रमा अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 26 मिनट
तक कुंभ उपरांत मीन राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार वरूथिनी एकादशी व्रत, श्री वल्लभाचार्य जयंती।
सूर्योदय का समय - सुबह में 5 बजकर 46 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय - शाम में 6 बजकर 52 मिनट तक।
आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 19 मिनट तक सुबह में 5 बजकर 3 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 51 मिनट से 7 बजकर 13 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त
सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा। सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 5 बजकर 46 मिनट से 7 बजकर 24 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 10 बजकर 8 मिनट से 11 बजकर 1 मिनट तक।
कोई भी शुभ समय या मुहूर्त के दौरान, राहुकाल गुलिक काल, यमगण्ड काल से बचना चाहिए क्योंकि ये समय अशुभ माना जाता है।
अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।