आज राहु काल कब तक रहेगा व क्या है शुभ मुहूर्त आईये जानते हैं 05 अप्रैल का पंचांग
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का अपना महत्व है। पंचांग के अनुसार ही हम अपने धार्मिक क्रियाकलाप करते हैं। शुभ अशुभ का ज्ञान हमें प्राप्त होता है। आइये जानते हैं, आज के पंचांग के अनुसार कब है शुभ मुहूर्त और कब तक है राहुकाल और क्या है ग्रह चाल।
हिन्दू पंचांग के अनुसार आज शनिवार है। शक संवत 1946 , विक्रमी संवत 2082, अष्टमी, सौर चैत्र मास प्रविष्टे 23, शव्वान 06, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 05 अप्रैल सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, बसन्त ऋतुः। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। अष्टमी तिथि सायं 07 बजकर 27 मिनट तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ। पुनर्वसु नक्षत्र अगले दिन सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ।
अतिगण्ड योग रात्रि 08 बजकर 03 मिनट तक उपरांत सुकर्मा योग का आरंभ। विष्टि करण प्रातः 07 बजकर 50 मिनट तक उपरांत बालव करण का आरंभ। चन्द्रमा रात्रि 11 बजकर 25 मिनट तक मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार श्री दुर्गाष्टमी, भवान्युत्पति, अशोकाष्टमी, मेला बाहूफोर्ट (जम्मू), कांगड़ा देवी, नैनादेवी (हि.प्र.), अन्नपूर्ण-पूजन।
सूर्योदय का समय - सुबह में 6 बजकर 6 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय - शाम में 6 बजकर 41 मिनट तक।
आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 35 मिनट तक सुबह में 5 बजकर 21 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 12 बजकर 1 मिनट से रात में 12 बजकर 46 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 3 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त
सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इसी के साथ सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 15 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 6 बजकर 7 मिनट से 6 बजकर 57 मिनट तक।
कोई भी शुभ समय या मुहूर्त के दौरान, राहुकाल गुलिक काल, यमगण्ड काल से बचना चाहिए क्योंकि ये समय अशुभ माना जाता है।
अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।