आज राहु काल कब तक रहेगा व क्या है शुभ मुहूर्त आईये जानते हैं 11 मार्च का पंचांग
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का अपना महत्व है। पंचांग के अनुसार ही हम अपने धार्मिक क्रियाकलाप करते हैं। शुभ अशुभ का ज्ञान हमें प्राप्त होता है। आइये जानते हैं, आज के पंचांग के अनुसार कब है शुभ मुहूर्त और कब तक है राहुकाल और क्या है ग्रह चाल।
हिन्दू पंचांग के अनुसार आज मंगलवार है। शक संवत 1946 , विक्रमी संवत 2081, फाल्गुन 20, शक संवत 1946, फाल्गुन शुक्ल, द्वादशी, सौर फाल्गुन मास प्रविष्टे 28, रमजान 10, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 11 मार्च सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, दक्षिण गोल, बसन्त ऋतुः। राहुकाल अपराह्न 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। द्वादशी तिथि प्रातः 08 बजकर 15 मिनट तक उपरांत त्रयोदशी तिथि का आरंभ।
आश्लेषा नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 16 मिनट तक उपरांत मघा नक्षत्र का आरंभ। अतिगण्ड योग अपराह्न 01 बजकर 18 मिनट तक उपरांत सुकर्मा योग का आरंभ। बालव करण प्रातः 08 बजकर 15 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चन्द्रमा अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 16 मिनट तक कर्क उपरांत सिंह राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार भौम प्रदोष व्रत।
सूर्योदय का समय - सुबह में 6 बजकर 35 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय - शाम में 6 बजकर 27 मिनट तक।
आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से 58 मिनट तक सुबह में 5 बजकर 47 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। निशिता काल मध्यरात्रि रात में 12 बजकर 6 मिनट से रात में 12 बजकर 55 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 49 मिनट तक। रवि योग मध्य रात्रि 2 बजकर 15 मिनट से अगले दिन 12 मार्च को सुबह 6 बजकर 34 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त
दोपहर में 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इसी के साथ दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 11 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 8 बजकर 58 मिनट से 9 बजकर 45 मिनट तक।
कोई भी शुभ समय या मुहूर्त के दौरान, राहुकाल गुलिक काल, यमगण्ड काल से बचना चाहिए क्योंकि ये समय अशुभ माना जाता है।
अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।