भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने बसों के किराए में 15 फीसदी बढ़ोतरी कर हिमाचल की जनता के साथ नाइंसाफी की है और साथ ही जनता की जेब पर भरी भरकम बोझ डाला है। जब से कांग्रेस सरकार आई है, एचआरटीसी प्रदेश के लोगों को परेशान करने का जरिया बन गया है। वैसे तो एचआरटीसी जन सेवा के लिए बनाई गई थी पर कांग्रेस सरकार ने इसके धन सेवा का माध्यम बना लिया है। एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है, लोग अपने रोजमर्रा के कामों में एचआरटीसी की बसों का इस्तेमाल करते हैं। पहले शुल्क की सरकार ने बसों के न्यूनतम किराए में 2 गुना वृद्धि कर आम लोगों के परिवार की जेबों पर महंगाई का बोझ डाला और अब लंबी दूरी के किराए में भी 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे आम लोगों को महंगाई का एक और झटका दे दिया है।
महाजन ने कहा कि हम कांग्रेस सरकार से पूछना चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में डीजल पर वैट किसने बढ़ाया ? उनको बताना चाहिए कि कितना बढ़ाया ? आंकड़े जग जाहिर है पर फिर भी हम कांग्रेस के मुख से ही सुनना चाहते हैं। पहले टैक्स बढ़ोतरी कर महंगाई को सरकार ने खुद बुलाया और उसके बाद महंगाई की आड़ में हर चीज को महंगा करने का काम वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने वन विभाग में ठेकेदारी लाइसेंस फीस दस गुना बढ़ा दी है। अब नए पंजीकरण पर 500 रुपये की जगह 5000 रुपये अदा करने होंगे। साथ ही हिमाचल सरकार ने प्रदेश में 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वालों को बड़ा झटका दिया है। इन उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट मिलने वाली एक रुपये की सब्सिडी को बंद कर दिया है। अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट 5.90 रुपये चुकाने होंगे। मई में जारी होने वाले अप्रैल की खपत के बिल इस आधार पर आएंगे। ऊर्जा सचिव राकेश कंवर ने इस संदर्भ में बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार को पत्र भेजा है।
प्रदेश में बात करें तो सीमेंट महंगा, सरिया महंगा, राशन में दालें महंगी, तेल महंगा और कहीं भी नजर घुमा ले तो सब कुछ महंगा ही महंगा हो रहा है और इसके पीछे केवल मात्र वर्तमान कांग्रेस सरकार है, जो आत्मनिर्भर हिमाचल की आड़ में जनता को लूटने का काम कर रही है।