प्रयागराज महाकुम्भ में प्रथम अमृत स्नान के लिए हिंदू धर्म की रक्षा में तत्पर नागा संन्यासियों, योगियों, महंतों, महामंडलेशवरों की टोलियां रथों, हाथी, घोड़ों और ऊंटों पर सवार होकर निकली।